न्यायपालिका से लोगों को क्यों नहीं मिल रहा न्याय?
जाने-माने जनहित याचिकाकर्ता और सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने कानून के विद्यार्थियों से मुख़ातिब होते हुए उनके सवालों के जवाब में अपने अनुभवों के आधार पर न्याय, न्यायपालिका और भ्रष्टाचार पर अपने विचार साझा किए हैं।
भारत की न्यायपालिकाओं में केवल 1% से भी कम लोगों को न्याय मिल पाता है। जेलों में जो कैदी हैं, उनमें अधिकांश अंडर ट्रायल हैं। इन हालातों से न्यायव्यवस्था, जजों और वकीलों की भूमिका बड़े और गहरे स्तर पर सम्बद्ध है।
समाज के सामने मुख्य ख़तरे क्या हैं? लोग क्यों अपने अधिकारों के लिए नहीं लड़ पा रहे हैं? न्यायपालिका में भ्रष्टाचार ख़त्म क्यों नहीं हो रहा है? आदि प्रश्नों के उत्तर देते हुए प्रशांत भूषण ने इस पूरे मुद्दे को समझाया है।
न्याय की परिकल्पना और न्याय को संभव बनाने के लिए प्रशांत भूषण वकीलों को महत्वपूर्ण मानते हैं। वकील कौन होता है? एक वकील की ज़िम्मेदारी क्या होती है? किसी को वकील क्यों बनना चाहिए? इस पर उनकी समझ और विचार हमें वर्तमान स्थिति में सुधार के लिए विकल्प मुहैया कराते हैं।
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